चीन द्वारा विकसित किया जा रहा मैनस एआई (Manus.ai) दूसरे AI से कैसे अलग है? यह GAIA बेंचमार्क में शीर्ष पर है और AGI की ओर कदम माना जा रहा है। क्या यह एआई में बड़ी प्रगति है या सिर्फ हाइप? In Hindi

Manus ai in hindi

Credit : South China Morning Post

हाल ही में चीन की स्टार्टअप कंपनी Monica द्वारा विकसित Manus AI सुर्ख़ियों में है। इसे एक स्वायत्त (autonomousAI एजेंट बताया जा रहा है, जो बिना निरंतर मानव हस्तक्षेप के जटिल कार्यों को अंजाम दे सकता है, जिसकी क्षमताओं और संभावित प्रभावों को लेकर तकनीकी जगत में चर्चा हो रही है।

लेकिन Manus AI अन्य AI से अलग कैसे है, पहले यह जानते हैं।

अभी तक के AI सिस्टम, जैसे कि ChatGPT, Gemini या Claude, मुख्य रूप से यूज़र के इनपुट पर निर्भर होते हैं। यानी, इन्हें किसी कार्य को करने के लिए निर्देश देना ज़रूरी होता है। परंतु Manus AI इस मामले में अलग है क्योंकि यह एक स्वायत्त एजेंट की तरह काम करता है।

➤ यह खुद से सूचना खोज सकता है, डेटा का विश्लेषण कर सकता है, रिपोर्ट तैयार कर सकता है और यहां तक कि वेबसाइट भी बना सकता है।

➤ उदाहरण के लिए, अगर आप इसे किसी कंपनी में जॉब कैंडिडेट्स को फ़िल्टर करने का काम देंगे, तो यह स्वतंत्र रूप से रिज़्यूमे पढ़ेगा, डेटा एनालाइज़ करेगा और योग्य उम्मीदवारों की सूची तैयार करेगा।

यही कारण है कि इसे AGI (Artificial General Intelligence) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मैंने इसके वेबसाइट से कुछ चित्र संलग्न किए हैं जो कि इसकी क्षमताओं को दिखाते हैं अन्य आप स्वयं इस वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं - Manus

इस AI के प्रदर्शन को मापने के लिए GAIA (General AI Assistants) बेंचमार्क का उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न AI एजेंटों की समस्या सुलझाने और वास्तविक दुनिया के कार्यों को करने की क्षमता का परीक्षण करता है।

➤ और Manus AI ने GAIA बेंचमार्क में अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर हासिल किया है।

➤ इसने OpenAI के Deep Research मॉडल को भी पीछे छोड़ दिया, जो अब तक का एक सबसे उन्नत AI मॉडल माना जाता था।

जिसका मतलब यह हुआ कि तकनीकी रूप से यह AI दुनिया में नए मानक स्थापित कर सकता है।

देखिए, Manus AI के पीछे कौन-सी तकनीक है?

  • इस AI को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए विभिन्न AI मॉडल्स का संयोजन किया गया है।
  • इसमें Anthropic के Claude 3.5 Sonnet मॉडल का उपयोग किया गया है।
  • इसके अलावा, Alibaba के Qwen मॉडल का भी इसमें योगदान है।

इस तरह, यह विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करके बेहतर निर्णय लेने और अधिक जटिल कार्यों को अंजाम देने की कोशिश करता है।

भले ही इसे एक (Autonomous) AI एजेंट बताया जा रहा है, लेकिन, इसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा को लेकर कई विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने चिंताएं व्यक्त की हैं।

जिन सभी रिपोर्ट्स और टिप्पणियों को स्रोत सहित मैं आपके समक्ष रख रहा हूं।

  • (प्रदर्शन और विश्वसनीयता पर आलोचना)

कुछ शुरुआती उपयोगकर्ताओं और समीक्षकों ने Manus AI के प्रदर्शन में खामियां पाई हैं। उदाहरण के लिए, TechCrunch के Kyle Wiggers ने परीक्षण के दौरान सिस्टम क्रैशगलतियों, और कार्यों को पूरा करने में असमर्थता जैसी समस्याओं का सामना किया। उन्होंने बताया कि Manus AI सरल कार्यों में भी विफल हो सकता है, जैसे कि - रेस्तरां में टेबल बुक करना या ऑनलाइन खरीदारी करना। मतलब हो सकता है कि इसे बढ़ा - चढ़ा कर दिखाया जा रहा हो।

स्रोत - TechRadar

  • ( डेटा गोपनीयता और सुरक्षा समस्या )

जो कि चीन की आदत है और जिससे आप भी परिचित हैं।

डेटा सुरक्षा विशेषज्ञों ने Manus AI की डेटा प्रबंधन नीतियों पर सवाल उठाए हैं। AI शोधकर्ता Luiza Jarovsky ने चिंता व्यक्त की कि उपयोगकर्ता डेटा कहां संग्रहीत किया जाता है और क्या चीनी अधिकारियों को इसकी पहुंच है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि Manus AI की स्वायत्तता संभावित रूप से डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।

स्रोत - Buisnessinsider

  • ( नैतिकता और नियंत्रण की चुनौतियां )

Forbes के एक लेख में, Hugging Face की मुख्य नैतिकता वैज्ञानिक Margaret Mitchell के एक अध्ययन का हवाला दिया गया है, जिसमें पूरी तरह से स्वायत्त एआई एजेंटों के विकास के खिलाफ चेतावनी दी गई है। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसे एजेंट सुरक्षा कमजोरियों, मानव निगरानी में कमी, और हेरफेर के प्रति अधिक संवेदनशीलता जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

स्रोत - Forbes

समावेशन में तो यही कहा जा सकता है कि इसकी क्षमताएं प्रभावशाली हो सकती हैं, लेकिन इसकी विश्वसनीयता, डेटा सुरक्षा, और नैतिकता को लेकर गंभीर चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं।

और जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता तथा सुचारू रूप से यह उपलब्ध नहीं होता तब तक Manus AI को पूरी तरह से भरोसेमंद और क्षमतावान नहीं माना जा सकता।

इसलिए वर्तमान स्थिति के लिए इसे पूरी तरह AGI की ओर पूर्ण क्रांति कहना जल्दबाज़ी होगी। जो की उपयुक्त रिपोर्ट से आप समझ गए होंगे।

लेकिन हां, Manus AI एक संभावित क्रांतिकारी तकनीक हो सकती है।

एक ज़रूरी बात ( अवश्य पढ़े! )

मीडिया और पब्लिकेशन में रोज़ आने वाले आर्टिकल्स और चर्चाओं को देखकर कई भारतीयों को लग सकता है कि AI के क्षेत्र में भारत में कोई प्रगति नहीं हो रही। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। असल में, हमारी मीडिया और पब्लिकेशन हाउस अधिकतर टीआरपी बटोरने और मुनाफ़ा कमाने में ही व्यस्त रहते हैं। वे शायद यह नहीं समझते कि उनके पास एक विशाल दर्शक वर्ग है, जिसे वे इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन दुर्भाग्यवश, वे अधिकतर विदेशी कंपनियों में शामिल हो रहे हैं और वहां शीर्ष पदों के साथ-साथ तकनीकी कार्यों को भी संभाल रहे हैं – केवल इसलिए क्योंकि वहां उन्हें बेहतर वेतन और लाइफस्टाइल मिलता है। यह हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में हाल ही में कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं, विशेष रूप से बड़े भाषा मॉडलों (LLMS) और गहन अनुसंधान के संदर्भ में।

जिनमें प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:

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Sarvam Al ने Sarvam-1 नामक एक 2-बिलियन-पैरामीटर का भाषा मॉडल विकसित किया है, जो विशेष रूप से 10 प्रमुख भारतीय भाषाओं-बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और अंग्रेज़ी के लिए अनुकूलित है। यह मॉडल टोकन दक्षता और डेटा गुणवत्ता में सुधार करता है, जिससे भारतीय भाषाओं में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होता है।

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ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा स्थापित स्टार्टअप Krutrim ने एक AI मॉडल विकसित किया है जो 22 भारतीय भाषाओं को समझ सकता है और 10 भाषाओं में पाठ उत्पन्न कर सकता है, जिसमें हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, उड़िया, गुजराती, और मलयालम शामिल हैं। यह मॉडल भारतीय डेटा पर प्रशिक्षित है, जिससे यह भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को प्रतिबिंबित करता है। हालांकि वर्तमान में या उतना अच्छा नहीं कर पा रहा जितनी उम्मीद थी।

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NVIDIA ने Nemotron-4-Mini-Hindi-4B नामक एक हिंदी भाषा मॉडल लॉन्च किया है, जो 4 बिलियन पैरामीटर के साथ हिंदी और उसकी बोलियों में AI मॉडल विकसित करने में सहायता करता है। Tech Mahindra इस मॉडल का उपयोग करके Indus 2.0 विकसित कर रहा है, जो भारतीय भाषाओं में AI समाधान प्रदान करेगा।

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Surya OCR एक व्यापक ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन टूलकिट है, जिसे विभिन्न प्रकार के दस्तावेज़ों और भाषाओं को संभालने के लिए विकसित किया गया है। यह लेआउट तत्वों जैसे तालिकाओं, छवियों, हेडर आदि का पता लगा सकता है और उनकी व्यवस्था निर्धारित कर सकता है, जिससे यह भारतीय भाषाओं में दस्तावेज़ों की डिजिटलाइजेशन में सहायक होता है।

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OpenAl और Meta Platforms ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ संभावित AI साझेदारियों के लिए बातचीत की है, जिसमें ChatGPT के वितरण और स्थानीय डेटा केंद्रों में मॉडल होस्टिंग पर चर्चा शामिल है।

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KOGO AI : बेंगलुरु स्थित इस स्टार्टजप ने दुनिया का पहला AI एजेंट स्टोर लॉन्च किया है, जिसमें 100 से अधिक तैयार-टू-यूज़ AI एजेंट्स उपलब्ध हैं, जिन्हें विभिन्न उद्योगों में त्वरित रूप से लागू किया जा सकता है।

हालांकि, यह उपलब्धियां चीन और अमेरिका जितनी विशाल तो नहीं है किंतु सराहनीय हैं।


पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश -

एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते, हमें किसी भी चीज़ की आंख मूंदकर आलोचना नहीं करनी चाहिए, जब तक कि हमारे पास सही तथ्य और रिपोर्ट्स न हों।

लेकिन, जहां आलोचना और विरोध आवश्यक हो, वहां उसे भूलना भी नहीं चाहिए।

हमें इन दोनों पक्षों को समझना होगा, क्योंकि आज के दौर में मैं देख रहा हूँ कि ये दो विचारधाराएँ (बिना सोचे-समझे समर्थन और बिना जानकारी के विरोध) एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती जा रही हैं। यह विभाजन हमारे देश को किसी भी अन्य समस्या से कहीं अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। हमें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा, तभी हम एक विकसित और सशक्त भारत की ओर बढ़ सकते हैं।